मैं कौन हूँ? एक यात्रा स्वयं से स्वयं तक…

आत्मज्ञान की वो बातें, जिन्हें तुम हमेशा महसूस करते थे,
पर शब्द नहीं थे।
ये मात्र कोई किताब नहीं है। ये तुम्हारे भीतर की यात्रा का पथप्रदर्शक है।

आध्यामिक मार्ग पर चलने वाले हर व्यक्ति के मन में कुछ ऐसे प्रश्न होते है, जो सामान्य है। जैसे:

  • मै कौन हूँ? मेरी सच्चाई क्या है?
  • जीवन में इतना दुःख क्यों है?
  • क्या स्थायी शांति संभव है?
  • आत्मज्ञान की अनुभूति कैसे हो सकती है?
  • क्या मृत्यु के बाद कुछ है?
  • मृत्यु के बाद क्या होता है?
  • क्या सच में ईश्वर है?

ये सिर्फ जिज्ञासा नहीं- बल्कि हमारी आत्मा की पुकार है। जीवन के आनंद और जरूरतों को पूरा करने की दौड़ में हमने बहुत कुछ खोया, और थोड़ा कुछ पाया।

लेकिन इस दौड़ में हम स्वयं से दूर होते चले गए। कभी एकांत में शांति के साथ इन प्रश्नों को पूछा ही नहीं।

जब तक हम किसी आध्यामिक व्यक्ति से नहीं मिलते, तब तक हमारे मन में इस तरह के प्रश्न नहीं उठते। हम एक अज्ञानी की तरह सुख-दुःख के मायाजाल में फंसे रहते है, और हमें लगता है कि यही जीवन है।

पर जीवन का सत्य कुछ और है। जो भी उस सत्य को अपने अनुभव से जान जाता है, वो सुख-दुःख के मायाजाल से परे, परम आनंद में रहता है।

हम सबके भीतर एक मौन है, जो सबकुछ जानता है। वो मौन हमारी चेतना है। चेतना ही शांति और परम आनंद का श्रोत है और वही हमारी वास्तविक पहचान है।

ये किताब तुम्हारे अंतरतम की ओर एक पावन यात्रा है, जहां हर अध्याय हमें अपने भीतर के सत्य से मिलने का निमंत्रण देता है।

इस पुस्तक में 31 अध्याय हैं, जिनमें से प्रत्येक एक सीढ़ी है:

अध्याय: 1मैं कौन हूँ?
अध्याय: 2“मनुष्य का सच्चा परिचय”
अध्याय: 3“मन, बुद्धि, और अहंकार का खेल”
अध्याय: 4“सच्चे ‘मैं’ की पहचान”
अध्याय: 5“ज्ञान का उदय”
अध्याय: 6“आत्मा का प्रत्यक्ष अनुभव”
अध्याय: 7“मुक्ति का रहस्य”
अध्याय: 8“संसार और आत्मा का भेद”
अध्याय: 9“साक्षीभाव का परम रहस्य”
अध्याय: 10“अहंकार का विसर्जन”
अध्याय: 11“मौन का अमृत”
अध्याय: 12“अनंत आत्मा का आलोक”
अध्याय: 13“आत्मा और परमात्मा की एकता”
अध्याय: 14“समर्पण का रहस्य”
अध्याय: 15“निर्वाण का अनुभव”
अध्याय: 16“शून्यता का महासागर”
अध्याय: 17“एकत्व का रहस्य”
अध्याय: 18“अनंत प्रेम की अनुभूति”
अध्याय: 19“ज्ञान की अखंड ज्योति”
अध्याय: 20“अनंत शांति का राज्य”
अध्याय: 21“साक्षी का शाश्वत आसन”
अध्याय: 22“समर्पण का अमृत”
अध्याय: 23“जीवन एक दिव्य लीला”
अध्याय: 24“सत्य का शाश्वत आधार”
अध्याय: 25“आनंद का अनंत झरना”
अध्याय: 26“अस्तित्व से एकत्व”
अध्याय: 27“करुणा की धारा”
अध्याय: 28“मौन का आशीर्वाद”
अध्याय: 29“अस्तित्व का मौन संगीत”
अध्याय: 30“दिव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव”
अध्याय: 31“संपूर्णता का आलोक”

इस पुस्तक में आपको क्या मिलेगा:

  • तर्क और अनुभव के आधार पर खुद के सत्य को जानने का अवसर
  • अपने अंदर की परम शांति का अनुभव
  • मन, अहंकार और बुद्धि के भ्रम से मुक्ति
  • मानव जीवन का लक्ष्य: मुक्ति, शांति, और परम आनंद

अतिरिक्त लाभ:

  • संस्था के Premium WhatsApp और Telegram Group की निःशुल्क सदस्यता।
  • इन Groups पर प्रत्येक दिन संस्था की ओर से महत्वपूर्ण लेख, Video, और Audio प्रकाशित किए जाते है।
  • सत्यदर्शी जी के Live और पुराने प्रवचनों का Video, और Audio के प्रसारण का Access निःशुल्क दिया जाता है।
  • इन Groups पर संस्था की ओर से आपके आध्यात्मिक प्रश्नों के उत्तर दिए जाते है।

पाठकों के अनुभव:

Manoj Tripathi

“इस पुस्तक ने मुझे पहली बार यह एहसास कराया कि जीवन को बदलने की नहीं, देखने के दृष्टिकोण को बदलने की ज़रूरत है।”

— मनोज त्रिपाठी , वाराणसी
Shweta Kulkarni

“मैंने बहुत किताबें पढ़ीं, लेकिन यह किताब मेरे दिल तक पहुँची। हर अध्याय मेरे ही प्रश्नों का उत्तर देता है।”

— श्वेता कुलकर्णी , नागपुर
Anil Joshi

“इसमें जो सरलता और गहराई है, उसने मेरे भीतर की बेचैनी को मौन में बदल दिया।”

— अनिल जोशी , भोपाल
Priya Mathur

“मैं सोचती थी कि आत्मज्ञान कठिन साधना से मिलेगा। इस पुस्तक ने दिखाया कि सत्य अभी, इसी क्षण अनुभव किया जा सकता है।”

— प्रिया माथुर , अहमदाबाद
Rahul Sen

“हर पेज पर लगा जैसे कोई दर्पण सामने रख दिया हो। मैंने खुद को पहली बार इतनी गहराई से देखा।”

— राहुल सेन , कोलकाता

आपके मन के प्रश्न और उनके उत्तर

1. यह पुस्तक किन लोगों के लिए है?

उत्तर: यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए जो आध्यात्म के मार्ग का अनुसरण कर रहा है और उसके अंदर खुद के सत्य को जानने की जिज्ञासा है। यह पुस्तक हर आयु के महिला और पुरुष के लिए खुद के सत्य को जानने की कुंजी है।

2. क्या यह साधारण कथाओं की तरह है या भीतर की यात्रा का मार्गदर्शक?

उत्तर: यह कोई कथा नहीं बल्कि स्वयं के सत्य को जानने का मार्गदर्शक है।

3. पुस्तक किस रूप में मिलेगी?

उत्तर: यह पुस्तक E-Book के रूप में आपको आपके E-mail पर प्राप्त होगी।

4. भुगतान के बाद पुस्तक कब और कैसे मिलेगी?

उत्तर: शुल्क भुगतान के बाद 5 मिनिट के अंदर यह आपको आपके E-Mail पर प्राप्त हो जाती है।

5. पुस्तक की असली कीमत क्या है? अभी ₹51 में क्यों है?

उत्तर: पुस्तक अमूल्य है। संस्था की ओर से इसका मूल्य ₹350 है। पर सीमित समय के लिए इसे ₹51 में उपलब्ध कराया जा रहा है।

6. क्या बाद में कीमत फिर से ₹350 हो जाएगी?

उत्तर: जी हां। इसका मूल्य सीमित समय के बाद ₹350 कर दिया जाएगा।

7. क्या इस पुस्तक से ध्यान में वास्तविक सहायता मिलेगी?

उत्तर: जी हां। वास्तविक ध्यान क्या है? इसे कैसे किया जाए? इन सभी प्रश्नों के उत्तर इस पुस्तक में दिए गए है।

8. यदि डाउनलोड ना हो पाए तो क्या करें?

उत्तर: अभी तक तो ऐसी कोई समस्या नहीं आई है। पर आपको संस्था का Mobile Number और WhatsApp Number दिया जाता है। उस पर आप अपनी यह समस्या बता सकते है। आपके WhatsApp पर Download Link तुरंत भेज दिया जाता है।

9. क्या कोई नमूना अध्याय मिल सकता है?

उत्तर: इसकी आवश्यकता नहीं है। यदि आपको पुस्तक अच्छी ना लगे तो पूरे पैसे वापस कर दिए जाते है।

10. क्या शुल्क वापसी संभव है?

उत्तर: जी, आप WhatsApp पर अपना शुल्क वापस लेने का अनुरोध कर सकते है। आपके पैसे बिना किसी प्रश्न के वापस कर दिए जाते है।

सीमित समय के लिए अवसर:

  • यह पुस्तक सीमित समय के लिए ₹51 में उपलब्ध है।
  • इस मूल्य पर ऐसा ज्ञान और कहीं नहीं मिलेगा।
  • ये विशेष छूट सीमित समय के लिए उपलब्ध है।

आपका निर्णय:

अगर आपको अपने जीवन में स्थायी शांति और परम आनंद का अनुभव करना है, खुद के सत्य से परिचित होना है तो यह पुस्तक आपका पहला कदम है।

100% संतुष्टि की गारंटी

हम मानते हैं कि यह पुस्तक हर साधक के आध्यात्मिक सफर में नई रोशनी लाएगी।
फिर भी, अगर किसी भी कारण से आपको यह पुस्तक पसंद नहीं आती –

👉 तो बिना किसी प्रश्न के आपके पूरे पैसे वापस कर दिए जाएंगे।

  • समय सीमा: खरीदारी के 7 दिनों के अंदर
  • प्रक्रिया: बस हमें अपना पेमेंट डिटेल्स WhatsApp/Email पर भेज दीजिए
  • आपका ₹51 तुरंत Refund कर दिया जाएगा

अर्थात् या तो ज्ञान का अनुभव, या आपका पैसा- 100% सुरक्षित।